मथुरा में दुनिया का सबसे ऊंचे चंद्रोदय मंदिर का निर्माण चल रहा है। इस काम में करीब एक हजार मजदूर और इंजीनियर लगे हुए हैं। 511 पिलर, 210 मीटर (70 मंजिल) ऊंचे मंदिर का भार सहेंगे।
इस्कॉन सोसाइटी ने वृंदावन में वर्ल्ड के सबसे ऊंचे मंदिर का कंस्ट्रक्शन शुरू कर दिया है।उन्होंने बताया कि यह मंदिर 2022 में बनकर तैयार होगा। फिलहाल एक हजार मजदूर यहां काम कर रहे हैं, एक साल बाद यह संख्या तीन गुनी हो जाएगी।मंदिर को बनाने में लगभग 700 करोंड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे।पूरी बिल्डिंग में 511 पिलर होंगे। इन पर पूरी बिल्डिंग का वजन 5 लाख टन होगा, जबकि ये पिलर नौ लाख टन वजन सह सकते हैं।
मंदिर की ऊंचाई 700 फीट होने की वजह से इसपर विमान से आतंकी हमले की आशंका रहेगी। इसमें वर्ल्ड ट्रेड सेंटर जैसे हमले रोकने का भी इंतजाम किया जाएगा।मंदिर का परिसर 50 एकड़ का होगा। इसमें छह हेलीपैड बनाए जाने की योजना है।चंद्रोदय मंदिर को पिरामिड का डेवलप्ड फॉर्म कह सकते हैंं।
2006 में इसकी परिकल्पना की गई और 8 साल की तैयारियों के बाद 2014 में नींव रखी गई।प्रोजेक्ट डायरेक्टर दास के मुताबिक, इसकी नींव लगभग कुतुब मीनार की ऊंचाई जितनी गहरी खोदी गई है।
मंदिर 200 किलोमीटर रफ़्तार का तूफान झेल सकेगा, इतनी रफ़्तार पर बिल्डिंग अधिकतम 1 मीटर झुकेगीइस मंदिर को 8 रिएक्टर स्केल से ज्यादा भूकंप सहने की क्षमता का बनाया जायेगाचंद्रोदय मंदिर में बाहर की गर्मी से बचने के लिए ग्लासः का प्रयोग होगा
No comments:
Post a Comment