आपके एटीएम से निकल रहा है आपका पैसा तुरंत बदलें अपना एटीएम का पासवर्ड

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Friday, 21 October 2016

आपके एटीएम से निकल रहा है आपका पैसा तुरंत बदलें अपना एटीएम का पासवर्ड

मुंबई. देश के 19 बैंकों के कस्टमर्स के 32 लाख डेबिट कार्ड्स या तो ब्लॉक कर दिए गए हैं या रिकॉल किए गए हैं। ऐसा इसलिए हुआ है , ताकि उन्हें एक पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर की सिक्युरिटी में लगी सेंध के बाद फ्रॉड से बचाया जा सके। दरअसल, कई बैंक कस्टमर्स ने चीन-यूएस में उनके इंटरनेशनल डेबिट कार्ड से पैसा निकाले जाने की शिकायत की।बैंकों ने कस्टमर्स से पिन नंबर बदलने को कहा है। डेबिट कार्ड्स की एटीएम मशीनों के जरिए क्लोनिंग का खतरा भी है। इसे देश के एटीएम नेटवर्क में सबसे बड़ी सेंध माना जा रहा है। SBI ने रिकॉल किए 6 लाख कार्ड...

- एक प्राइवेट बैंक के एटीएम नेटवर्क को मैनेज करने वाले पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर के सिस्टम में हैकिंग हुई है।
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इसके बाद एसबीआई ने जहां 6 लाख डेबिट कार्ड रिकॉल किए हैं, वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई, सेंट्रल बैंक और आंध्र बैंक ने अपने कस्टमर्स के डेबिट कार्ड्स एहतियातन ब्लॉक करने के बाद बदल दिए हैं।
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आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और यस बैंक ने अपने कस्टमर्स से एटीएम पिन नंबर्स बदलने को कहा है। एचडीएफसी बैंक ने अपने कस्टमर्स से कहा कि वह अपने ही बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करें।
किसने खतरे के बारे में बताया
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एनडीटीवी प्रॉफिट की खबर के मुताबिक, एनपीसीआई ने कहा कि 19 बैंकों के 641 कस्टमर्स के कुल 1.3 करोड़ रुपए के विदड्रॉवल के बाद शक हुआ। इसी के बाद हैकिंग का खतरा सामने आया।
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हिताची पेमेंट सर्विसेस से  
30 ATM से हुए 400 ट्रांजैक्शन्स की जांच करने को कहा गया।
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कार्ड नेटवर्किंग कंपनियों NPCI, Visa, Mastercard और RuPay ने कई बैंकों को हैकिंग के खतरे के बारे में बताया है। इसी वजह से कुछ कस्टमर्स के कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं।
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आरबीआई के जुलाई डाटा के मुताबिक, देश में करीब 60 करोड़ डेबिट कार्ड हैं। अकेले एसबीआई के 20 करोड़ डेबिट कार्ड होल्डर हैं। 19 करोड़ कार्ड RuPay के हैं। बाकी वीसा और मास्टरकार्ड के हैं।
कैसे हुई हैकिंग?
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न्यूज एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, यस बैंक को सेवाएं देने वाली हिताची पेमेंट सर्विसेस के सिस्टम की सिक्युरिटी में सेंध लगी है। हिताची ही एटीएम सर्विसेस, प्वाइंट ऑफ सेल्स सर्विसेस, इमर्जिंग पेमेंट सर्विसेस और कैश रिसाइकलिंग एटीएम और ऑटो पासबुक एंट्री मशीनों जैसे बैंकिंग चैनल प्रोडक्ट्स मुहैया कराती है।
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ब्लूमबर्ग के मुताबिक , हिताची पेमेंट सर्विस के मैनेजिंग डायरेक्टर लोनी एंटनी ने बताया कि बैंकों ने उनकी कंपनी से 30 ATM से भारत के बाहर हुए 400 संदिग्ध ट्रांजैक्शन्स की जांच करने को कहा है।
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एसबीआई के एक सीनियर अफसर ने बताया- "व्हाइट लेबल एटीएम से मालवेयर के जरिए फ्रॉड हुआ है। इसकी वजह से एसबीआई के साथ-साथ दूसरे बैंक के कस्टमर भी प्रभावित होंगे। व्हाइट लेबल एटीएम वो होते हैं, जिन पर किसी बैंक का नाम नहीं लिखा होता। जिन कस्टमर ने ऐसे एटीएम नेटवर्क यूज किए हैं, उनके कार्ड की क्लोनिंग होने का डर है।"
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कुछ बैंकों ने बताया कि कस्टमर्स ने उनसे शिकायत की कि उनके इंटरनेशनल डेबिट कार्ड्स से चीन में कुछ संदिग्ध ट्रांजैक्शन हुए हैं।
सरकार ने क्या कहा?
- सरकार ने बैंकों से रिपोर्ट मांगी है।
- फाइनेंशियल सर्विसेस डिपार्टमेंट के एडिशनल सेक्रेटरी जीसी मुरमू ने बताया कि सिर्फ 0.5% डेबिट कार्ड प्रभावित हुए हैं।
- बाकी 99.5% कार्ड पूरी तरह सेफ हैं। बैंक कस्टमर्स को घबराने की जरूरत नहीं है।
क्या करें ताकि सेफ रहें?
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अपने एटीएम पिन को फौरन बदलें।
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अपनी ही बैंक का एटीएम यूज करें।
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आरबीआई ने बैंकों को कहा है कि वह अपने सभी एटीएम-डेबिट कार्ड को मैग्नेटिक स्ट्रिप की जगह ईवीएम चिप में जनवरी 2017 तक कन्वर्ट करें। आप अपने बैंक को कार्ड रिप्लेस करने के लिए कह सकते हैं।
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अगर आपके अकाउंट से फ्रॉड हुआ है, तो बैंक को अलर्ट करें। बैंकिंग लोकपाल और पुलिस को शिकायत दें।
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फ्रॉड हो जाने के बाद एटीएम कार्ड ब्लॉक और रिप्लेसमेंट कराएं।
इन जगहों पर खतरा ज्यादा
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सिंगल डे इवेंट में जैसे कोई शो, आईपीएल मैच, क्रिकेट मैच, दूसरे फंक्शन जहां पर टेम्पररी स्टॉल होते हैं, वहां क्लोनिंग का खतरा ज्यादा है।
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पब्लिक वाई-फाई के इस्तेमाल पर हैकिंग का खतरा रहता है। होटल, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप में कार्ड यूज करते वक्त सर्विसमैन को पासवर्ड नहीं बताएं।
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ऑनलाइन शॉपिंग या पेमेंट करते समय साइबर कैफे के इस्तेमाल से बचें।
बैंकों ने क्या कहा ?
1#
एसबीआई
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बैंक की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर मंजू अग्रवाल ने कहा- "हमें इस बारे में जानकारी है। हम अपने कस्टमर्स को रिस्क में नहीं डाल सकते। इसलिए उन्हें नए कार्ड दिए जा रहे हैं। सिक्युरिटी में सेंध मई से जुलाई के बीच लगी। इसका पता सितंबर में चला।"
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उन्होंने बताया कि इसी वजह से एहतियातन कदम उठाए गए हैं। हमने कस्टमर्स से पिन नंबर भी बदलने को कहा है। निर्देशों के बावजूद 7% कस्टमर्स ने ही पिन नंबर बदले थे। इसी वजह से कार्ड रिकॉल का फैसला लिया गया। नए कार्ड बिना किसी चार्ज के जारी होंगे।
2# कैनरा बैंक
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बैंक ने कहा है कि कस्टमर्स तुरंत अपने पिन बदलें। जो पिन नहीं बदलेंगे, उनके एटीएम कार्ड 21 अक्टूबर के बाद ब्लॉक कर दिए जाएंगे।
3# यस बैंक
बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव राणा कपूर ने कहा कि हमें आउटसोर्सिंग पार्टनर्स के मामले में और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
4# एक्सिस बैंक
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बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि हमने कस्टमर्स से पिन कार्ड बदलने को कहा है। हमारे एटीएम का नेटवर्क पूरी तरह सिक्योर है। हमने हमारे कस्टमर्स से एक्सिस बैंक के नेटवर्क एटीएम का ही इस्तेमाल करने को कहा है।
5# बैंक ऑफ बड़ौदा
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बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मयंक मेहता ने कहा, ''हमें पता चला कि विदेशों में हमारे कस्टमर्स के कार्ड्स से कुछ संदिग्ध ट्रांजैक्शन हुए हैं। हमने कार्ड रिकॉल की प्रॉसेस पूरी कर ली है।''
6# सेंट्रल बैंक
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बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आरसी लोढ़ा ने कहा कि कुछ कस्टमर्स ने चीन में उनके कार्ड से ट्रांजैक्शन होने की शिकायत की थी। जबकि ये कस्टमर्स न तो विदेश में थे, न उनके पास पासपोर्ट हैं।
7# वीजा
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कंपनी की तरफ से जारी बयन के मुताबिक, "हम डोमेस्टिक डेबिट एटीएम ट्रांजैक्शन प्रॉसेस नहीं करते। लेकिन हमें भी विदेशों में ट्रांजैक्शन्स के बारे में शिकायत मिली थी।"
8# मास्टरकार्ड
कंपनी ने कहा कि हम इन्वेस्टिगेशन कर रहे हैं। अभी मास्टरकार्ड पूरी तरह सिक्योर हैं।

आरबीआई का अलर्ट
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आरबीआई बैंकों को अलर्ट कर चुका है। उसने बैंकों से जनवरी 2017 तक सभी मैग्नेटिक चिप वाले एटीएम-डेबिट कार्ड को ईवीएम चिप के कार्ड से रिप्लेस करने को कहा है। 
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