नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने
मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए सीमा पार से आ रहे जाली नोटों पर लगाम
लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया। मोदी ने 500 और 1000 के नोट को तत्काल प्रभाव से बंद करने के
निर्देश दिए। पीएम मोदी के संबोधन के बाद आर.बी.आई की तरफ से 500 और 2000 रुपए का नोट जारी कर दिया गया है।
आरबीआई ने कहा कि नए नोट आज रात से जारी हो जाएगे।
जिसे तस्वीर में देखा जा सकता है। यह नोट पुराने 500 के नोट से बिल्कुल भिन्न है। रूप से
लेकर इस नोट का रंग तक में बदलाव देखा जा सकता है। 500 रुपए के नोट में एक तरफ महात्मा गांधी की तस्वीर
लगी है और दूसरी तरफ लाल किले की तस्वीर लगी है, इसके साथ ही स्वच्छ भारत अभियान का लोगो भी लगा है।
वहीं 2000 रुपए के नोट में एक तरफ
महात्मा गांधी की तस्वीर लगी है वहीं दूसरी तरफ मंगलयान की तस्वीर को दर्शाया गया
है। इसके साथ स्वच्छ भारत का लोगो के साथ उसके नीचे एक कदम सफलता की तरफ लिखा गया
है।
इसके साथ ही आपको बता दें कि 50 दिन के भीतर आपको अपनी जेब या एटीएम में रखे 500 और 1000 के पुराने नोटों को बैक में जमा करवाना होगा। कल देशभर में सभी बैंक बंद
रहेंगे। इसके साथ ही 9-10 नवंबर को एटीएम भी बंद
रहेंगे।
एक दिन में एटीएम से आप 2000 रुपए ही रोजाना निकलवा
सकेंगे।
2000
के नोट पर नैनो GPS चिप लगा होगा,जिससे सैटेलाइट से
उसकी लोकेशन पता चलेगी
500
अौर 1000 के नोटों को बंद करने का फैसला अचानक नहीं
हुआ। इसकी प्रॉसेस बीते गुरुवार से शुरू हुई थी और सिर्फ 6 दिनों में इसे अंजाम तक पहुंचा दिया गया।
सिर्फ नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली ही जानते थे कि नोट कब बंद होंगे। गुरुवार दोपहर
1
बजे फाइनेंस
मिनिस्टर जेटली ने सभी शहरों के आरबीआई चीफ के साथ मीटिंग की। उसी में यह फैसला
हुआ।
2000 के नोट पर लगी होगी चिप
– 500 और 2000 रुपए के नए नोट 10
नवंबर को जारी
होंगे। इसमें नैनो जीपीएस चिप (एनजीसी) लगा होगा। इसमें पावर सोर्स नहीं होता।
– यह सिग्नल रिफ्लेक्टर की तरह काम करता है। सैटेलाइट से सिग्नल छोड़ने पर एनजीसी से रिफ्लेक्ट होगा। इससे नोट की लोकेशन का पता चल जाएगा।
– यह सिग्नल रिफ्लेक्टर की तरह काम करता है। सैटेलाइट से सिग्नल छोड़ने पर एनजीसी से रिफ्लेक्ट होगा। इससे नोट की लोकेशन का पता चल जाएगा।
120 मीटर जमीन के अंदर भी नोट का पता चल जाएगा
– सैटेलाइट सिग्नल से पता चलेगा कि किसी खास लोकेशन में कितने नोट हैं। जांच एजेंसियों को इसका पता रहेगा।
– जमीन के भीतर 120 मीटर गहरे गड्ढे में भी यह सिग्नल पकड़ेगा। नोट को नष्ट किए बिना जीपीएस चिप को निकालना संभव नहीं होगा।
– सैटेलाइट सिग्नल से पता चलेगा कि किसी खास लोकेशन में कितने नोट हैं। जांच एजेंसियों को इसका पता रहेगा।
– जमीन के भीतर 120 मीटर गहरे गड्ढे में भी यह सिग्नल पकड़ेगा। नोट को नष्ट किए बिना जीपीएस चिप को निकालना संभव नहीं होगा।
आम लोगों को होगा फायदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से 500 और 1000 रुपए के मौजूदा नोटों को बंद करने के ऐलान के बाद माहिर इस फ़ैसले की
समीक्षा करने में लगे हुए हैं। जानकारों का मानना है कि इस फ़ैसले से गरीब, मध्यवर्गीय और नौकरीशुदा लोगों को फ़ायदा होगा। इसके चलते रियल एस्टेट
में कीमतें कम होंगी और उच्च शिक्षा भी आम लोगों के दायरे में होगी।
अक्सर हम करोड़ों रुपए के नोटों को लोगों के घरों से बरामद किए जाने की ख़बरें सुनते हैं। इस फ़ैसले से काले धन को सफ़ेद आर्थिकता के दायरो में लाने में भी मदद मिलेगी। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में भी इसे ख़ास माना जा रहा है। फ़िलहाल भ्रष्टाचार में शामिल लोग अपनी बेनाम संपत्ति को रियल एस्टेट सैक्टर में निवेश करके ख़ुद को साफ़-सुथरे साबित करने की कोशिश करते हैं। इस फ़ैसले से ऐसे लोग नकद भुगतान नहीं कर सकेंगे। ऐसे में जायदाद की कीमतें कम होंगी और गरीबों के लिए मकान का सपना आसान हो सकेगा।
इसके इलावा उच्च शिक्षा ऐसा सैक्टर है, जहां भ्रष्टाचार में शामिल लोग अपनी पूंजी लगाते हैं। कैपीटेशन फीस के कारण उच्च शिक्षा आम लोगों की पहुंच से दूर हो चुकी है। इस फ़ैसले से उच्च शिक्षा के मामले में समानता की स्थिति आ सकेगी, क्योंकि ग़ैर-कानूनी कैश का लेनेदेने संभव नहीं होगा। इसके साथ ही महंगाई पर रोक लग सकेगी।
अक्सर हम करोड़ों रुपए के नोटों को लोगों के घरों से बरामद किए जाने की ख़बरें सुनते हैं। इस फ़ैसले से काले धन को सफ़ेद आर्थिकता के दायरो में लाने में भी मदद मिलेगी। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में भी इसे ख़ास माना जा रहा है। फ़िलहाल भ्रष्टाचार में शामिल लोग अपनी बेनाम संपत्ति को रियल एस्टेट सैक्टर में निवेश करके ख़ुद को साफ़-सुथरे साबित करने की कोशिश करते हैं। इस फ़ैसले से ऐसे लोग नकद भुगतान नहीं कर सकेंगे। ऐसे में जायदाद की कीमतें कम होंगी और गरीबों के लिए मकान का सपना आसान हो सकेगा।
इसके इलावा उच्च शिक्षा ऐसा सैक्टर है, जहां भ्रष्टाचार में शामिल लोग अपनी पूंजी लगाते हैं। कैपीटेशन फीस के कारण उच्च शिक्षा आम लोगों की पहुंच से दूर हो चुकी है। इस फ़ैसले से उच्च शिक्षा के मामले में समानता की स्थिति आ सकेगी, क्योंकि ग़ैर-कानूनी कैश का लेनेदेने संभव नहीं होगा। इसके साथ ही महंगाई पर रोक लग सकेगी।
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